चुनौतीपूर्ण बच्चों के जीवन में स्कूल का महत्व
बच्चों के समग्र विकास में स्कूल की भूमिका और पारिवारिक परिवेश का प्रभाव

विजय गर्ग द्वारा लिखित “चुनौतीपूर्ण बच्चों के जीवन में स्कूल का महत्व” शीर्षक लेख में बच्चों के पालन-पोषण और शिक्षा के बदलते परिदृश्य पर विचार किया गया है। वे बताते हैं कि पहले बच्चे समूहों में खेलते थे, जिससे उनका सामाजिक विकास होता था, लेकिन आजकल यह प्रवृत्ति कम हो गई है, जिससे बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास पर प्रभाव पड़ रहा है।
गर्ग यह भी इंगित करते हैं कि माता-पिता की अत्यधिक चिंता और सामाजिक दिखावे की प्रवृत्ति बच्चों के स्वाभाविक विकास में बाधा डाल सकती है। बच्चों को स्वतंत्र रूप से खेलने और सीखने का अवसर मिलना चाहिए, ताकि वे जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हो सकें।
शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए, गर्ग बताते हैं कि स्कूल न केवल ज्ञान प्रदान करते हैं, बल्कि बच्चों के सामाजिक, सांस्कृतिक और व्यक्तिगत विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे कहते हैं कि शिक्षा बच्चों को बौद्धिक रूप से सक्षम और जिम्मेदार नागरिक बनने में मदद करती है।
अंत में, गर्ग माता-पिता से आग्रह करते हैं कि वे अपने बच्चों के बचपन को समझें, उन्हें खेलने, सीखने और स्वतंत्र रूप से विकसित होने का अवसर दें, ताकि वे भविष्य में सफल और संतुलित जीवन जी सकें।
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