
इस सप्ताह 22 अप्रैल 2025 को कश्मीर के पहलगाम में हुए बेशवाल आतंकवादी हमले में कम से कम 26 पर्यटकों की जान चली गई, जिसने क्षेत्र के फूल-फूल रहे पर्यटन उद्योग पर तार-तार प्रभाव डाला . इस हमले के कारण अनुमानित रूप से पर्यटन क्षेत्र को ₹18,500–21,200 करोड़ तक का वित्तीय नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है. 2024–25 में जम्मू और कश्मीर की वास्तविक GSDP 7.06% की दर से बढ़ी थी, जबकि नॉमिनल GSDP ₹2.65 लाख करोड़ तक पहुंचा था, जो निरंतर विकास का संकेत था . 2019 और 2025 के बीच केंद्र शासित प्रदेश ने 4.89% का चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) दर्ज किया था, जिससे क्षेत्र में निवेश और रोजगार के अवसर बढ़े थे. लेकिन इस हमले ने न केवल जान-माल का नुकसान किया, बल्कि क्षेत्र की शांति और आर्थिक प्रगति पर गहरे प्रश्न भी खड़े कर दिए हैं .
हमला का विवरण
22 अप्रैल सुबह पहलगाम की मुख्य पर्यटक घाटी में चार आतंकवादियों ने चिन्हित पर्यटकों से पहचान-पत्र दिखाने के बहाने गोलीबारी शुरू कर दी. उन्होंने जिनमें से अधिकांश भारतीय पर्यटक थे, उनके साथ नेपाल से आए एक पर्यटक को भी निशाना बनाया गया. हमलावरों ने “Kashmir Resistance” नामक समूह की ओर से पाकिस्तान के समर्थन का दावा करते हुए कहा कि वे “आउटसाइडर्स” के रुझान को रोकना चाहते हैं . स्थानीय पुलिस और सीआरपीएफ ने हमलावरों का पीछा कर 17 घायल पर्यटकों को अस्पताल पहुंचाया, जहां कई को गहन उपचार की आवश्यकता पड़ी.
सरकार की प्रतिक्रिया
घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी विदेशी यात्रा बीच में समाप्त कर देश में लौटने का निर्देश दिया और हमलावरों को कड़ी सजा दिलाने का आश्वासन दिया. अगले दिन कैबिनेट की सीसीएस बैठक में पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते को तत्काल प्रभाव से रोकने का निर्णय लिया गया . भारतीय दूतावास इस्लामाबाद को बंद कर दिया गया और ऑटारी बॉर्डर सील कर पाकिस्तानी राजनयिकों को 48 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश दिया गया.
कश्मीर की आर्थिक प्रगति और पर्यटन का महत्व
2019 से पहले कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं की संख्या सालाना औसतन 228 रही, लेकिन 2023 में यह घटकर केवल 46 तक आ गई थी, जिससे शांति और निवेश दोनों को बढ़ावा मिला, 2020 में 34 लाख पर्यटक आए थे, जो 2024 में बढ़कर 2.36 करोड़ हो गए, जिनमें 65,000 विदेशी पर्यटक भी शामिल थे . 2025 की आरंभिक 26 दिनों में ही श्रीनगर के ट्यूलिप गार्डन में 8.14 लाख पर्यटक पहुंचे थे . पर्यटन सेक्टर जम्मू-कश्मीर की GSDP में 7–8% का योगदान देता है और यह लगभग ₹21,000 करोड़ का मूल्य संवेदनशील बाजार है .
आने वाले समय के 10 प्रमुख नुकसान
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पर्यटन में गिरावट: घरेलू एवं विदेशी पर्यटकों की संख्या घटने से होटलों, टैक्सी सेवाओं, स्थानीय गाइड और हस्तशिल्प विक्रेताओं पर सीधा असर पड़ेगा .
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निवेश में हिचकिचाहट: सेफ्टी के सवाल उठने से ₹1.63 लाख करोड़ के संभावित निवेश प्रभावित हो सकते हैं .
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भारत की GDP योगदान में कमी: वर्तमान में 0.8% का योगदान देने वाला J&K, पर्यटन एवं निवेश की गिरावट से और पिछड़ सकता है .
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प्रति व्यक्ति आय प्रभावित: वित्त वर्ष 2024–25 में ₹1.55 लाख रहने वाली प्रति व्यक्ति आय पर नकारात्मक असर संभव है .
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सेवाक्षेत्र का संकट: सेवाक्षेत्र (61.7% GSVA) में कमी से समग्र आर्थिक वृद्धि धीमी हो सकती है.
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निर्माण गतिविधियों की रुकावट: 18.3% GSVA में योगदान करने वाले निर्माण सेक्टर पर भी असर पड़ेगा .
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सरकारी प्रोजेक्ट्स में देरी: ₹28,400 करोड़ के 971 औद्योगिक प्रोजेक्ट्स की मंजूरी को समय पर प्रभाव दिख सकता है आज तक.
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वित्तीय दबाव: पर्यटन से जुड़े कारोबार के लोन डिफॉल्ट बढ़ने से स्थानीय बैंकों पर दबाव आएगा
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कृषि-बागवानी पर असर: मौसमी मांग पर निर्भर क्षेत्र ऑर्डर बुकिंग पर असर से प्रभावित हो सकते है
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बेरोजगारी और स्टार्टअप्स: बेरोजगारी दर बढ़ने और स्टार्टअप इकोसिस्टम सिकुड़ने की आशंका हैं
इस हमले ने न केवल कश्मीर की शांति को चुनौती दी है, बल्कि क्षेत्र की आर्थिक प्रगति और सामाजिक स्थिरता पर भी गंभीर संकट खड़े कर दिए हैं। आगामी महीनों में पर्यटन, निवेश और रोजगार के लिए बहुआयामी रणनीति अपनाकर ही इस नुकसान की भरपाई संभव होगी।