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प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ के मामले की शिकायत मानवाधिकार आयोग से

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ की शिकायत अब मानवाधिकार आयोग से की गई है। हादसे को लेकर राज्य मानवाधिकार आयोग में शिकायत की गई है। कहा गया है कि हादसे की जांच के लिए जरूरी है कि मेले की व्यवस्था से जुड़े प्रमुख अफसरों को फौरन हटाया जाए। दावा किया गया है कि ये लोग सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं जिसकी वजह से न्याय प्रभावित हो सकता है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि अधिकारियों की लापरवाही से ही हादसा हुआ है। मानवाधिकार आयोग मामले में दो दिन के भीतर सुनवाई भी कर सकता है।
जानकारी के मुताबिक इलाहाबाद हाई कोर्ट के वकील डॉ. गजेंद्र सिंह यादव ने यह शिकायत राज्य मानवाधिकार आयोग में दर्ज कराई है। शिकायत में कहा गया है कि मेले की व्यवस्था से जुड़े अधिकारियों की वजह से ही मौनी अमावस्या स्नान के मौके पर महाकुंभ में भगदड़ मची थी। ऐसे में इन अधिकारियों को तुरंत हटा दिया जाए क्योंकि ये पद पर रहेंगे तो जांच को प्रभावित करेंगे। साथ ही सबूत मिटाएंगे और निष्पक्ष जांच नहीं होने देंगे।
मानवाधिकार आयोग से गुजारिश की गई है कि महाकुंभ मेला क्षेत्र के सारे सीसीटीवी कैमरों को संरक्षित किया जाए ताकि घटनाओं को छिपाने की कोशिश सफल न होने पाए। इसके अलावा जो लोग हादसे के बाद से लापता हैं, उनके परिवार वालों की ओर से एफआईआई दर्ज कराया जाए। 7 साल तक लापता होने के बाद ऐसे लोगों को मृत मान लिया जाता है। ऐसे में लापता लोगों के परिवार वालों को भी उचित मुआवजा दिया जाए।
आयोग से यह भी मांग की गई है कि तथ्य छिपाने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाए। साथ ही यह भी जांच की जाए कि मौनी अमावस्या के मौके पर कितने पुलिसकर्मी मौके पर तैनात थे और कितने लोग ड्यूटी पर ऐक्टिव थे। राज्य मानवाधिकार आयोग ने यह शिकायत दर्ज कर ली है। बताया जा रहा है कि मामले में अगले दो दिन में सुनवाई की जा सकती है। बता दें कि मौनी अमावस्या स्नान के मौके पर महाकुंभ में भगदड़ के दौरान 40 लोगों की मौत हो गई थी। मामले में योगी सरकार ने न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं।

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