बसंत पंचमी से ब्रज में 40 दिवसीय होलिकोत्सव प्रारंभ, ये हैं मुख्य तिथियां

मथुरा। वृंदावन के मंदिरों में बसंत पंचमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. वृंदावन के प्रसिद्ध बांके बिहारी, राधा रमन, राधा दामोदर मंदिर सहित कई मंदिरों मे बसंत पंचमी मनाई जा रही है. आज से ही ब्रज में 40 दिनों तक होली के रंगोत्सव की शुरुआत हो जाती है. चारों तरफ होली के गीत गाए जा रहे हैं. बसंत पंचमी पर्व पर बांके बिहारी समेत कई मंदिरों में ठाकुरजी को पीले वस्त्र धारण कराकर विशेष सिंगार किया गया. हलवा केसर युक्त खीर का भोग लगाया जा रहा है.
मंदिरों में इन तिथियों में खेली जाएगी होली
विगत दिवस 2 फरवरी को मथुरा बरसाना के राधा रानी मंदिर में खेली गई होली तो आज 3 फरवरी (बसंत पंचमी) को वृंदावन बांके बिहारी मंदिर में, अब 28 फरवरी होली की प्रथम चौपाई राधा रानी मंदिर में होगी, 7 मार्च बरसाना लड्डू मार होली में, 8 मार्च बरसाना में लठ्ठमार होली, 9 मार्च नन्द गांव में लठ्ठमार होली, 10 मार्च रंगभरनी होली, बांके बिहारी मंदिर और श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर में, 11 मार्च मथुरा द्वारकाधीश मंदिर में होली, 11 मार्च गोकुल रमणरेती आश्रम होली, 12 मार्च वृन्दावन बांके बिहारी मंदिर में होली, 12 मार्च चतुर्वेदी समाज का प्राचीन डोला, 13 मार्च को फालैन होली, 14 मार्च रंगों की होली देश भर में, 15 मार्च बलदेव का हुरंगा, 22 मार्च वृन्दावन में रंग की होली.
जिला पर्यटन अधिकारी यादराम ने बताया कि हर साल 9 करोड़ से अधिक सैलानी यहां के मंदिरों के दर्शन करने के लिए आते हैं. होली पर 10 से 12 लाख श्रद्धालु और 20 हजार से अधिक विदेशी सैलानी होली देखने खेलने के लिए आते हैं. होलिका दहन के दिन शुभ मुहूर्त की लगन होने के बाद मंदिर परिसर के पास बने प्रहलाद कुंड में स्नान करने के बाद मोनू की बहन दूध की धार धरती पर गिरती है. और मोनू वहां से होलिका की धड़कती अंगारों के बीच से नंगे पांव निकलता है.
मथुरा में बांके बिहारी को लगाया गया गुलाल
वृंदावन के विश्व प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में सोमवार को बसंत पंचमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. मंदिर परिसर में बांके बिहारी को गुलाल लगाकर उड़ाया गया. आज से ब्रज में 40 दिनों तक होली की शुरुआत हो जाती है. मंदिरों में होली का डांडा गढ़ जाता है. बसंत पंचमी के अवसर पर बांके बिहारी को पीले वस्त्र धारण कराए गए और पूरा परिसर रंग-बिरंगे गुब्बारे से सजा गया.