गोपेश्वर महादेव: पावन तीर्थ जहां पापों का हरण होता है
जनपद बागेश्वर के काड़ां क्षेत्रान्तर्गत स्थित मंदिर में प्राचीन परंपरा और पौराणिक महिमा का अद्भुत संगम

देवभूमि उत्तराखण्ड़, प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिक अनुभूतियों से परिपूर्ण, विश्वभर में प्रसिद्ध है। इस पावन भूमि के तीर्थ स्थलों में से एक, गोपेश्वर महादेव मंदिर, पौराणिक काल से ही परम पूज्यनीय रहा है। स्कंदपुराण में वर्णित है कि गोपेश्वर के स्मरण व दर्शन से मनुष्य के सारे पाप क्षय हो जाते हैं। पुराणों के अनुसार, यहां की तपस्या और आराधना से गोपियों ने उत्तम गति प्राप्त की थी।
मंदिर के आसपास की पवित्र नदी भद्रा और सरस्वती के संगम से यह स्थल और भी दिव्य प्रतीत होता है। महर्षि वेद व्यास द्वारा भी गोपेश्वर महादेव की महिमा का बखान किया गया है, जिसमें कहा गया कि इस स्थान पर शिव की आराधना से पूर्वजों के पाप भी नष्ट हो जाते हैं। नाग देवताओं के मंदिरों से समृद्ध इस भूभाग में नागकन्याएं, जिन्हें गोपियों के नाम से भी जाना जाता है, शिव की पूजा में तत्पर रहती थीं।
इस प्रकार, गोपेश्वर महादेव मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यहां की पावन महिमा आज भी भक्तों को आध्यात्मिक उन्नति और मोक्ष की ओर प्रेरित करती है।