देशराजनीति

सीट शेयरिंग से जूझता महागठबंधन: 50-70 के पेंच में अटका CM फेस से बड़ा सवाल

कांग्रेस 70 सीटों पर अड़ी, RJD सिर्फ 50 देने को राजी; 17 अप्रैल को पटना में फिर होगी बैठक


बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर गहरे मतभेद उभर कर सामने आए हैं, जहाँ कांग्रेस 70 सीटों पर टिक रही है, जबकि RJD 50 सीट तक देने के मूड में दिख रही है। मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर भी सहमति नहीं बन पाई है, जिस कारण पहले दिल्ली में हुई बैठक बेनतीजा रही। अब 17 अप्रैल को पटना में RJD, कांग्रेस, लेफ्ट दलों और VIP की साझी बैठक बुलाई गई है, जहाँ इन दोनों मुद्दों पर अंतिम फैसला होने की उम्मीद है।

पृष्ठभूमि

बिहार विधानसभा चुनाव इस साल नवंबर में होने हैं, जिसके मद्देनजर महागठबंधन (RJD–कांग्रेस–लेफ्ट–VIP) ने सीट शेयरिंग और मुख्यमंत्री चेहरे पर चर्चा शुरू की है ।
2015 में संयुक्त उम्मीदवारों की जीत के बाद नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन 2020 में उन्होंने RJD का साथ छोड़कर NDA जॉइन कर लिया था ।

सीट शेयरिंग का Deadlock

  • कांग्रेस का रुख: पार्टी 70 सीटों पर समझौता करने पर ज़िद पर अड़ी है, जिससे उसमें दूरगामी रणनीति बनाने का भरोसा दिखता है।

  • RJD का संकेत: RJD को 50 सीटों से अधिक देकर गठबंधन का संतुलन बिगड़ने का खतरा है, इसलिए वह फिलहाल 50 सीटों का ऑफर ही देने को तैयार है ।

  • दबाव के स्त्रोत: दोनों दलों में जातिगत वोटबैंक और स्थानीय उम्मीदवारों की ‘विनएबिलिटी’ पर प्राथमिक बहस चल रही है ।

मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर असमंजस

  • प्रस्तावित नाम: RJD नेता तेजस्वी यादव को सीएम फेस घोषित करने की मांग उठी, लेकिन कांग्रेस के बीच इस पर सर्वसम्मति नहीं बन पाई ।

  • कांग्रेस की शर्त: पार्टी का दावा है कि मुख्यमंत्री चेहरे पर भी पहले सहमति बनाए बिना आगे नहीं बढ़ा जा सकता; साथ ही उपमुख्यमंत्री पद का वादा पूर्ण होना चाहिए (स्थानीय सूत्र) ।

पहली बैठक का निरीक्षण

दिल्ली में आयोजित पहली हाईलेवल बैठक में राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे व तेजस्वी यादव के बीच चर्चा हुई, पर कोई अंतिम निर्णय नहीं हो सका ।
बैठक में ‘विनएबिलिटी फैक्टर’ पर जोर दिया गया, लेकिन सीटों और सीएम फेस पर दरारें जस की तस रहीं ।

आगामी रणनीति

  • पटना में फिर बैठक: 17 अप्रैल को पटना में RJD, कांग्रेस, CPI, CPI(M), CPI(ML) और VIP के शीर्ष नेतागण फिर एक साथ समन्वय करेंगे ।

  • मंज़ूरी की संभावनाएँ: विश्लेषकों का मानना है कि सीट शेयरिंग पर ‘एडजस्टमेंट’ करके 65-55 या 60-60 का मध्यवर्ती फार्मूला निकल सकता है।

  • चुनावी समीकरण: जातिगत समीकरण, स्थानीय ताकतों की भागीदारी और उपमुख्यमंत्री की पोजीशन अंतिम समीकरण को प्रभावित करेगी ।


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