उत्तराखंड की धामी सरकार ने 6 मार्च 2025 को समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code – UCC) लागू किया है
लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़ों को अब अपने संबंध का पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।

उत्तराखंड की धामी सरकार ने 6 मार्च 2025 को समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code – UCC) लागू किया है, जिससे राज्य में लिव-इन कपल्स के लिए नए नियम और प्रतिबंध लागू हो गए हैं। इन नए प्रावधानों के अनुसार, लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़ों के लिए पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है, और ऐसा न करने पर तीन महीने की जेल की सजा का प्रावधान है।
मुख्य बिंदु:
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पंजीकरण की अनिवार्यता: लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़ों को अब अपने संबंध का पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। पंजीकरण के लिए 16 पन्नों का फॉर्म भरना होगा, जिसमें पुजारी का प्रमाणपत्र भी शामिल है।
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सजा का प्रावधान: यदि कोई जोड़ा पंजीकरण नहीं कराता है, तो उन्हें तीन महीने की जेल या 25,000 रुपये का जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं।
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नाबालिग पार्टनर और धोखाधड़ी पर सख्ती: नाबालिग पार्टनर के साथ लिव-इन में रहने, झूठ या धोखे का सहारा लेने, या फर्जीवाड़े पर भी सख्त सजा का प्रावधान है।
प्रतिक्रिया:
इन नए नियमों के लागू होने से लिव-इन कपल्स में चिंता की लहर है। कई लोग इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता में हस्तक्षेप मान रहे हैं, जबकि कुछ का मानना है कि यह समाज में नैतिकता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम है।
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Image Source: Inbox Uttarakhand
समाचार स्रोत:
इन नए प्रावधानों के लागू होने से राज्य में लिव-इन रिलेशनशिप के प्रति दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण परिवर्तन की संभावना है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह कानून समाज पर क्या प्रभाव डालता है और लोग इसे कैसे स्वीकारते हैं।