
— तराई क्रांति समाचार ब्यूरो
कांग्रेस अब यूपी में 40 साल पुराने फॉर्मूले को अपनाकर 2027 के आम चुनावों में वापसी की तैयारी कर रही है। 35 साल तक ब्राह्मण, मुस्लिम और दलित वोटबैंक से पार्टी ने राज किया था, लेकिन 90 के दशक में मंडल-कमंडल की राजनीति के चलते कांग्रेस का कोर वोटर बेस धीरे-धीरे छिटकता चला गया।
अब पार्टी के वरिष्ठ नेता और जिलाध्यक्ष इस पुराने फॉर्मूले पर विश्वास जताते हुए यह संकेत दे रहे हैं कि अगर सही ढंग से संगठित किया जाए तो पारंपरिक वोटबैंक को पुनर्जीवित कर यूपी की राजनीति में महत्वपूर्ण बढ़त हासिल की जा सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि ब्राह्मण, पिछड़ा, दलित और मुस्लिम समुदायों की एकजुटता से कांग्रेस को चुनावी मैदान में फिर से ताकत मिल सकती है।
यह रणनीति पार्टी के भीतर एक नई ऊर्जा का संचार कर रही है, जिससे उम्मीद जताई जा रही है कि आगामी चुनावों में कांग्रेस पारंपरिक आधार को मजबूती से दोबारा स्थापित कर सकेगी और मंडल-कमंडल की राजनीति के बाद उभरते हुए नए खेल में अपना स्थान बना सकेगी।