
— तराई क्रांति समाचार ब्यूरो
वोटर आईडी को आधार कार्ड से लिंक करने का फैसला चुनाव आयोग और गृह मंत्रालय की बैठक में लिया गया है। इस कदम का उद्देश्य फर्जी मतदान रोकना और वोटर लिस्ट को अधिक पारदर्शी बनाना है। सरकार का मानना है कि आधार से लिंक करने से एक व्यक्ति के नाम से एक से अधिक जगहों पर वोटर आईडी होने की संभावना खत्म होगी और चुनावी प्रक्रिया को अधिक निष्पक्ष बनाया जा सकेगा।
चुनाव आयोग इस प्रक्रिया को चरणबद्ध तरीके से लागू करेगा और जल्द ही इसे लेकर दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे। हालांकि, यह लिंकिंग अभी अनिवार्य नहीं होगी, बल्कि इसे स्वैच्छिक रखा जाएगा। मतदाताओं को एक तय समय सीमा के भीतर अपने आधार कार्ड को वोटर आईडी से जोड़ने का विकल्प दिया जाएगा। इस फैसले के बाद राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों की भी प्रतिक्रिया सामने आ रही है, जहां कुछ इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने वाला कदम बता रहे हैं, जबकि कुछ ने डाटा प्राइवेसी को लेकर चिंता जताई है।