AI द्वारा निर्मित झूठे वैज्ञानिक शोध पेपरों का पर्दाफाश: KGMU ने पहचान की सबसे प्रभावी डिटेक्शन सॉफ्टवेयर
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के शोधकर्ताओं ने खुलासा किया कि कैसे AI का दुरुपयोग कर फ्रॉड साइंटिफिक रिसर्च पेपर तैयार किए जा रहे हैं और ऐसे झूठे पेपरों को उजागर करने के लिए एक बेहतरीन सॉफ्टवेयर की पहचान की गई है।

AI से बन रहे फ्रॉड साइंटिफिक रिसर्च पेपर: KGMU के शोध में खुलासा, पर्दाफाश करने वाले बेस्ट सॉफ्टवेयर की हुई पहचान
— तराई क्रांति समाचार ब्यूरो
विगत कुछ वर्षों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने विज्ञान एवं शोध के क्षेत्र में क्रांति ला दी है, लेकिन इसके दुरुपयोग से झूठे और फ्रॉड पेपर भी तैयार किए जा रहे हैं। KGMU के हालिया शोध में यह बात सामने आई है कि कैसे AI-जनित रिसर्च पेपर्स को अनदेखा कर वैज्ञानिक समुदाय में भ्रम फैलाया जा रहा है। इस शोध में एक प्रभावी डिटेक्शन सॉफ्टवेयर की पहचान की गई है जो ऐसे झूठे पेपरों को उजागर करने में मदद कर रहा है।
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फ्रॉड पेपरों का निर्माण:
KGMU के शोधकर्ताओं ने पाया कि कुछ शोध पत्र पूरी तरह से AI द्वारा जनरेट किए जा रहे हैं, जिनमें मौलिकता और तथ्यात्मक सत्यता की कमी होती है। इन पेपर्स का उद्देश्य केवल अकादमिक मान्यता और शोध के क्षेत्र में प्रगति के झूठे वादे करना प्रतीत होता है। -
शोध के दौरान विभिन्न डिटेक्शन टूल्स का परीक्षण किया गया। अंततः एक विशेष सॉफ्टवेयर की पहचान की गई, जिसने इन झूठे रिसर्च पेपरों की पहचान में सबसे बेहतर प्रदर्शन किया। यह सॉफ्टवेयर लेखों में अनियमितता, पुनरावृत्ति और संदिग्ध पैटर्न को तुरंत पकड़ लेता है, जिससे फ्रॉड का पर्दाफाश संभव हो पाता है।
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इस खोज से वैज्ञानिक समुदाय में जागरूकता बढ़ी है। यह शोध न केवल अकादमिक जगत में पारदर्शिता लाने में सहायक होगा, बल्कि ऐसे झूठे शोध पत्रों के दुरुपयोग को रोकने के लिए कड़े नियमों और जांच प्रक्रिया की आवश्यकता पर भी जोर देता है।
AI तकनीक के विकास के साथ-साथ, शोध पत्रों में मौलिकता की कमी एक गंभीर समस्या बन गई है। झूठे शोध पत्र न केवल अकादमिक प्रतिष्ठा को प्रभावित करते हैं, बल्कि विज्ञान की प्रगति में बाधा भी उत्पन्न करते हैं। KGMU का यह शोध एक चेतावनी के रूप में सामने आया है कि तकनीकी प्रगति का दुरुपयोग कैसे हो सकता है, KGMU के शोध ने स्पष्ट कर दिया है कि AI के दुरुपयोग से बनाए जा रहे झूठे वैज्ञानिक शोध पेपरों का पर्दाफाश संभव है। पहचान किए गए बेहतरीन डिटेक्शन सॉफ्टवेयर के माध्यम से इन पेपरों को उजागर करना न केवल अकादमिक ईमानदारी के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि वैज्ञानिक समुदाय में भरोसा भी बहाल करेगा। आगे चलकर ऐसे उपकरणों के उपयोग से शोध पत्रों की सत्यता सुनिश्चित की जा सकेगी और विज्ञान की प्रगति में पारदर्शिता लाई जा सकेगी।