अमेरिका ने आर्थिक मदद रोकी, नेपाल की अर्थव्यवस्था पर संकट: कर्ज का बोझ बढ़ा, खर्च चलाने को जनता से लेना पड़ रहा लोन
अमेरिकी सहायता बंद होने से नेपाल की आर्थिक स्थिति गंभीर; सरकार पर कर्ज का दबाव बढ़ा, आंतरिक ऋण लेने की मजबूरी

नेपाल की अर्थव्यवस्था अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा विदेशी विकास सहायता पर 90 दिनों की रोक के आदेश के बाद गंभीर संकट का सामना कर रही है। इस निर्णय के परिणामस्वरूप, संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा वित्त पोषित सात और विकास परियोजनाएं स्थगित हो गई हैं, जिनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और सांख्यिकी से संबंधित कार्यक्रम शामिल हैं।
इन परियोजनाओं के रुकने से नेपाल सरकार की वित्तीय स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, जिससे मौजूदा खर्चों को पूरा करना चुनौतीपूर्ण हो गया है। इस वित्तीय संकट के बीच, सरकार को आंतरिक स्रोतों से ऋण लेना पड़ रहा है, जिससे देश पर कर्ज का बोझ तेजी से बढ़ रहा है। चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों में सार्वजनिक कर्ज में लगभग 2 लाख करोड़ रुपए की वृद्धि हुई है, जिससे कुल सार्वजनिक कर्ज 26.011 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।
अमेरिकी सहायता एजेंसी यूएसएआईडी (USAID) द्वारा वित्त पोषित परियोजनाओं के अलावा, मिलेनियम चैलेंज कॉरपोरेशन (एमसीसी) के तहत चल रहे दो प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाएं – पावर ट्रांसमिशन लाइन और सड़क सुधार परियोजना – भी 90 दिनों के लिए स्थगित कर दी गई हैं। इन परियोजनाओं के रुकने से नेपाल की विकास योजनाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
नेपाल सरकार ने अमेरिकी प्रशासन से एमसीसी के तहत जारी 55 करोड़ अमेरिकी डॉलर की सहायता को जारी रखने का आग्रह किया है, ताकि महत्वपूर्ण विकास परियोजनाएं प्रभावित न हों।
हालांकि, वर्तमान में राजस्व संग्रह में कमी और आर्थिक गतिविधियों में मंदी के कारण सरकार अपने वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने में असमर्थ है, जिससे खर्चों को पूरा करने के लिए आंतरिक ऋण पर निर्भरता बढ़ रही है।