रियल एस्टेट

लखनऊ रियल एस्टेट में बढ़ते दाम और देरी: क्या RERA इस समस्या का समाधान कर सकता है?

डेवलपर्स की मनमानी कीमतें और समय पर प्रोजेक्ट पूरा न होने से आम आदमी का घर का सपना बनता जा रहा है केवल सपना – सरकार का ध्यान इस मुद्दे पर क्यों नहीं जाता?

— तराई क्रांति समाचार ब्यूरो

आजकल लखनऊ में रियल एस्टेट की दुनिया में दामों में लगातार वृद्धि और प्रोजेक्ट्स की समय पर डिलीवरी न होने की समस्या आम हो गई है। डेवलपर्स और बिल्डर्स अक्सर बिना किसी पारदर्शिता के अपने मनमर्ज़ी से प्रॉपर्टी के दाम तय कर लेते हैं और हर महीने दामों में इजाफा कर देते हैं, जिससे आम जनता के लिए अपना घर खरीदना मुश्किल हो गया है।

इस समस्या के समाधान के लिए कई लोग पूछ रहे हैं – क्या RERA (रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट एक्ट) में ऐसे मामलों के लिए कोई नियम मौजूद हैं?

RERA की प्रावधान:

  • RERA का मुख्य उद्देश्य घर खरीदारों के हितों की सुरक्षा करना, प्रोजेक्ट की पारदर्शिता बढ़ाना और समय पर प्रोजेक्ट डिलीवरी सुनिश्चित करना है।

  • इसमें डेवलपर्स को प्रोजेक्ट की पूरी जानकारी, टाइमलाइन और प्राइसिंग डिटेल्स दर्ज करनी होती हैं।

  • यदि प्रोजेक्ट समय पर पूरा नहीं होता है या प्रोजेक्ट की स्थिति में कोई चूक पाई जाती है, तो खरीदारों को मुआवजे का प्रावधान मिलता है।

लेकिन, समस्या यह है:

  • प्रॉपर्टी के दामों में वृद्धि को सीधे नियंत्रित करने के लिए RERA में कोई विशेष प्रावधान नहीं है।

  • बाजार की स्थितियाँ और मांग के आधार पर दाम तय होते हैं, जिससे डेवलपर्स को स्वतंत्रता दी जाती है।

  • इसलिए, जबकि RERA प्रोजेक्ट की पारदर्शिता और समयबद्ध डिलीवरी पर फोकस करता है, वह दामों में होने वाली मनमानी वृद्धि पर सीधा नियंत्रण नहीं रखता।

आवश्यक ध्यान:

  • सरकार और संबंधित एजेंसियों को लखनऊ के रियल एस्टेट मार्केट की स्थिति पर नजर रखनी चाहिए और यदि जरूरत पड़ी तो अतिरिक्त नीतिगत कदम उठाने चाहिए।

  • आम जनता के हितों की रक्षा के लिए, पारदर्शिता बढ़ाने और खरीदारों के लिए कड़े नियम लागू करने की मांग की जा सकती है।

  • साथ ही, प्रोजेक्ट की समयबद्ध डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए RERA के प्रावधानों का सख्ती से पालन कराया जाना चाहिए।

इस प्रकार, जबकि RERA के अंतर्गत प्रोजेक्ट डिलीवरी और पारदर्शिता के लिए कदम उठाए गए हैं, लेकिन रियल एस्टेट दामों की मनमानी वृद्धि के लिए अभी भी अतिरिक्त निगरानी और नियमों की जरूरत है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button